करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी
नाम (Name) | लोकेंद्र सिंह कालवी |
जन्म तारीख (Date of birth) | 27 अगस्त 1957 |
जन्मदिन (Birthday) | 27 अगस्त |
जन्म स्थान (Place) | कालवी गांव, नागौर, भारत |
मृत्यु की तारीख (Date of Death) | 14 मार्च 2023 |
मृत्यु स्थान (Place Of Death) | सवाई मानसिंह हॉस्पिटल, जयपुर |
मृत्यु का कारण (Lokendra Singh Kalvi Death Cause) | दिल का दौरा |
उम्र (Age) | 80 साल |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Cast) | राजपूत |
पेशा (Profession) | राजनीतिज्ञ |
पद (Designation) | करणी सेना के संस्थापक |
राजनीतिक दल (Party) | श्री राजपूत करणी सेना (SRKS) |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
राशि (Zodiac Sign) | कुंभ राशि |
भाषा (Languages) | मारवाड़ी, हिंदी और अंग्रेजी |
पिता जी का नाम (Father’s Name) | कल्याण सिंह कालवी |
माता जी का नाम (Mother’s Name) | कंवर बाई |
लोकेंद्र सिंह कालवी जयपुर स्थित संगठन श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक थे. इस संस्था का नाम तब चर्चा में आया जब साल 2018 में डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के सेट पर दीपिका पादुकोण अभिनीत रानी पद्मिनी को स्क्रीन पर दिखने के लिए पिटाई की.
लोकेंद्र सिंह राजस्थान के पूर्व मंत्री कल्याण सिंह कालवी के बेटे थे, जो उस समय राजस्थान सरकार में भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री और वह कृषि मंत्री के पद पर थे. साल 2008 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने इस आशा से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए की उन्हें टिकट मिलेगा लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नही दिया फिर उन्होंने साल . 2014 में लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए.
लोकेंद्र सिंह बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा इलेक्शन के लिए खड़े हुए लेकिन दुर्भाग्य से अपने पहले चुनाव में वह हार गए. आपको बता दूँ इसी लोकसभा सीट से उनके पिता कल्याण सिंह कालवी भी खड़े हुए थे और उन्होंने चुनाव भी जीता था.
लोकेंद्र सिंह कालवी के दो बेटे है बड़े बेटे का नाम भवानी सिंह जो पोलो के खिलाड़ी हैं तो वही छोटे बेटे का नाम प्रताप सिंह है. ऐसा कहा जाता है कि लोकेंद्र सिंह का (lokendra singh kalvi height) वजन 118 किलो और लम्बाई 6 फुट 4 इंच है.
लोकेंद्र सिंह कालवी का करियर (Lokendra Singh Kalvi Career)
लोकेंद्र सिंह कॉलेज के दिनों में खेल में अधिक रूचि रखते थे खासकर बॉस्केटबॉल में. बॉस्केटबॉल टीम में शामिल होने के लिए वह कोई भी मौका नही छोड़ते थे. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही राजस्थान राज्य में बास्केटबॉल को लोकप्रिय बनाया था. वह भगवान सिंह के शिष्य भी थे जो एक उत्कृष्ट बास्केटबॉल खिलाड़ी थे.
लोकेंद्र सिंह कालवी के पिता कल्याण सिंह कालवी कुछ कुछ समय के लिए राजस्थान में और केंद्र में मंत्री रहे है. उनके पिता चंद्रशेखर सरकार में भी मंत्री पद पर रह चुके है. कहा जाता है कि उन्हें पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के करीबी थे और इसी के चलते उन्हें पिता के निधन के बाद लोकेन्द्र सिंह कालवी को चंद्रशेखर के समर्थकों ने हाथोहाथ किया.
खुद को किसान कहने वाले लोकेंद्र सिंह ने राजनीती में आने के बाद कई बार प्रयास किये लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ा. साल 1993 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की सोची और नागौर से इलेक्शन लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 1998 में बीजेपी से टिकट लेकर बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार का सामना करना पड़ा.
ऐसा कहा जाता है कि लोकेंद्र सिंह कालवी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दोनों में 36 का आंकड़ा रहा है. वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रहते हुए लोकेंद्र सिंह ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बार करणी सेना की रैलियां निकाली. जिसमे जयपुर में एक विशाल आयोजन भी किया गया लेकिन राजस्थान में राजपूत नेताओं के बीच फूट के कारण यह असफल रहा.
साल 1999 में जाटों को आरक्षण का फायदा मिलने के बाद लोकेंद्र सिंह ने अपनी समाज के लोगो के कोटे के नाम पर एक साथ जोड़ने के प्रयास किया. और सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा और देवी सिंह भाटी के साथ मिलकर सोशल जस्टिस फ्रंट की स्थापना की. इसकी यह मांग थी कि उच्च वर्ग के गरीब परिवार को भी रिजर्वेशन का फायदा मिल सके. साल 2003 में विधानभा इलेक्शन में सोशल जस्टिस फ्रंट राजनीती पार्टी का रूप ले चूका था. और इस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने 60 उम्मीदवार मैदान में उतारे. लेकिन इनमे से सिर्फ 1 उम्मीदवार को जीत मिली वो भी देवी सिंह भाटी को.
कुछ समय बाद लोकेंद्र सिंह, देवी सिंह भाटी से अलग हो गए और वापिस बीजेपी में शामिल हो गए. और साल 2006 में इन्होने श्री करणी सेना की स्थापना की. इसके बाद लोकेंद्र सिंह स्वयंभू नेता बन गये.
साल 2008 में राजनीती में सफल होने के लिए बीजेपी छोड़ी और कांग्रेस में शामिल होगये. लेकिन टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और कुछ समय बाद बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. 2014 लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर सीट से खड़े हुए लेकिन हार गये.
करनी सेना की स्थापना
साल 2006 में लोकेन्द्र सिंह कालवी ने जगतजननी करणी माता के नाम से करनी सेना की स्थापना की. साल 2008 में करणी सेना के जबरदस्त विरोध के चलते फिल्म जोधा-अकबर राजस्थान के सिनेमाघरों में नहीं लग पाई. साल 2009 में करणी सेना ने दबंग खान की फिल्म वीर का भी विरोध किया था. इनका कहना था कि इस फिल्म में राजपूतों को गलत तरीके से दिखाया गया है. इसके बाद साल 2018 में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का भी पुरे देश में जमकर विरोध किया गया. जिसमे संजय लीला भंसाली को सेना के द्वारा हाथ पाई की की गई. इस विरोध के बाद से ही करनी सेना का नाम पुरे देश में जाना जाने लगा.
लोकेंद्र सिंह कालवी का निधन (Lokendra Singh Kalvi Passes Away)
करणी सेना के फाउंडर लोकेंद्र सिंह कालवी का 13 मार्च 2023 को देर रात 1 बजे के बाद कार्डिएक अरेस्ट आने की वजह से 80 साल की उम्र में निधन हो गया. जानकारी के मुतबिक वह कई दिनों से अन्य बीमारियों से पीड़ित थे और जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में उनका इलाज़ चल रहा था. उनके निधन की खबर मिलते ही करणी सेना के कार्यकर्ताओं का आना हो गया. उनके पैतृक गांव नागौर के कालवी में उनका अंतिम संस्कार किया
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